श्री रामेश्वर
*श्री रामेश्वर*
इतना दर्द कभी मत देना।
शरणार्थी का दुख हर लेना।।
इतना नहीं रुलाना प्रभुवर।
कभी नहीं तड़पाना प्रियवर।।
तुम्हीं एक से सच्चा नाता।
तुझे देख सारे सुख पाता।।
जब तुम बात नहीं हो करते।
लगता मुझको तुच्छ समझते।।
अस्तिमान साकार खड़े हो।
अपनी जिद पर सदा अड़े हो।।
अनुनय विनय निरर्थक है क्या?
श्रद्धा भाव अनाथ आज क्या??
तुम्हीं दया हो मित्र तुम्हीं हो।
मधुर सुवासित इत्र तुम्हीं हो।।
गमको चहको उर में आकर।
तन मन खुश हो प्रभु को पा कर।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
सीताराम साहू 'निर्मल'
27-Sep-2023 05:48 PM
👏👌
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